इलाहाबाद विश्वविद्यालय से भी हो सकता है एबीवीपी का सफाया, इस प्रत्याशी ने दी है चुनौती
देश के अलग-अलग विश्वविद्यालयों से एबीवीपी का सफाया होने के बाद अब उत्तर प्रदेश की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी मानी जाने वाली इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से भी सफाया होने के आसार नजर आ रहे है. इस बार अध्यक्ष पद की दौड़ में ABVP कही नहीं नजर आ रही है. एबीवीपी को जो एक मात्र सीट मिलती नजर आ रही है वह संस्कृतिक सचिव की. ABVP ने इस बार प्रियंका सिंह को टिकट दिया है जो इससे पहले AISA की सदस्य भी रह चुकी है और उसके लिए प्रचार भी करती थी.
इस बार अध्यक्ष पद के लिए मुकाबला निर्दलीय चुनाव लड़ रहे “मृत्युंजय राव परमार” और समाजवादी छात्र सभा के “अवनीश कुमार यादव” के बीच माना जा रहा है. मृत्युंजय पहले ABVP से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन उनको टिकट न मिल सका जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया. अगर इस AVBP की हार होती है तो उसे जरूर खुद पर मंथन करने की जरुरत पड़ेगी, क्योकि देश की लगभग हर यूनिवर्सिटी से उसका सफाया होता जा रहा है. आपको बता दे कि पिछली बार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने यहाँ पर विजय प्राप्त की थी. अगर मृत्युंजय राव चुनाव न लड़ते तो ABVP मैदान में होती लेकिन अब लगभग मैदान से बाहर मानी जा रही है.
कौन है मृत्युंजय राव परमार
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से वर्तमान में अंग्रेगी विभाग से शोध के छात्र है. 2010 से इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्र है. ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और रिसर्च की शिक्षा यही से प्राप्त की है. 1950 से इनका पूरा परिवार संघ से जुड़ा रहा है. इनके बाबा विश्व हिन्दू परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष रहे थे. इनके पिता विश्व हिन्दू परिषद के जिला उपाध्यक्ष है. यह खुद प्रयाग महानगर से विश्व हिन्दू परिषद के 6 साल तक छात्र प्रमुख रहे है. इसके अलावा ABVP के सदस्य भी रहे है. मूलता देवरिया के रहने वाले है लेकिन इनका जन्म इलाहाबाद में ही हुआ है.
इन्होने अपनी पीएचडी की शिक्षा पंडित दीनदयाल और महर्षि अरविन्द पर की है.इसके साथ ही अगर पढ़ाई की बात की जाये तो यह लगातार टॉपर रहे है. MA के साथ ही रिसर्च के इंट्रेंस टेस्ट में भी टॉप किया है. इसके साथ ही BA में आधुनिक इतिहास के भी टॉपर थे. इन्होने इसके पहले कोई भी चुनाव नहीं लड़ा है. जब Truthstoday ने इनके चुनाव लड़ने का उद्देश्य जानना चाहा तो इन्होने बताया कि यह इलाहाबाद विश्वविद्यालय के नकारात्मक वातावरण और गतिरोध की राजनीति को ख़त्म करके एक सकारात्मक राजनीति की शुरुआत करना चाहते है. यह अपने जीवन का आदर्श स्वामी विवेकानंद को मानते है. इसके अलावा राजनीतिक नेताओं में स्व0 अशोक सिंघल जी को मानते है. अगर यह इस चुनाव को जीत जाते है तो यह राजनीति में इनका पहला कदम होगा.
Report- Gaurav Vikram Singh