छेड़खानी के आरोपी सिपाही को वीआईपी ट्रीटमेंट ,भड़के बंदियों ने शुरू किया आंदोलन
बलिया- एक तरफ एंटी रोमियो के नाम पर भाई बहन कोभी न छोड़ने वाली यूपी पुलिस अब छेड़खानी के आरोपी सिपाही को वीआईपी ट्रीटमेंट दे रही है और यह हाल तब है जब देश के प्रधानमंत्री वीआईपी कल्चर के खिलाफ है. तो सवाल यह भी खड़ा होता है कि जब उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री है जो के भाजपा के ही है तो क्या उनकी सोच नरेन्द्र मोदी से जुदा है अगर ऐसा नहीं है तो क्या उनकी पुलिस उनके विचारों से कोई तालुक नहीं रखती है. अब इसका जवाब या तो योगी जी दे सकते है या तो यूपी पुलिस. फ़िलहाल छोडिये आगे बढ़ते है अब जेल में किसी को वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जाये और वो भी नियम और कानून को ताक पर रखकर तो हंगामा होना तो लाजिमी है तो ऐसे में हुआ भी कुछ ऐसा जेल में बंद अन्य कैदियों ने इसके खिलाफ आन्दोलन खोल दिया. कैदियों ने भूख हड़ताल कर दी जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ पाव फूल गए. आंदोलनरत बंदियों से बातचीत कर मामले को ख़त्म करने की कोशिश की गयी लेकिन बात न बन सकी.
आपको यह जानना भी बेहद जरुरी है कि यह वही आरोपी सिपाही है जिसपर किशोरी के साथ छेड़खानी के आरोप लगा था और इसकी छेड़खानी की वजह से लड़की के पिता की जान चली गयी थी. जेल में बंद सिपाही को अलग रखा गया है साथ ही उसे अतिरिक्त सुविधाएं भी दी जा रही है . कैदियों ने डीएम को बुलाने की मांग पर अड़े गए लेकिन जेल अधीक्षक की सूचना पर सिटी मजिस्ट्रेट मनोज कुमार पांडेय और सीओ सिटी हितेन्द्र कृष्ण जेल में पहुंचे लेकिन बंदियों का आन्दोलन ख़त्म न करा सके. जेल अधीक्षक ने रात में भोजन बनवाया तथा कैदियों से बातचीत कर खाने के लिये राजी करने का प्रयास किया, हालांकि आंदोलन समाप्त नहीं हो सका। तो पुलिस प्रशासन की एक आरोपी पर मेहरबानी को समझा जा सकता है. क्योकि आरोपी उनके ही विभाग का जो है.
Report- Radheyshyam Pathak