अब अयोध्या में मंदिर-मस्जिद को लेकर पक्षकारों में छिड़ी जंग , योगी भी बने मोहरा
रामजन्मभूमि बाबरी मस्जिद मुकदमे में दोनों पक्षो को आपस में सुलह समझौता कर मामले का हल निकालने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद अब अयोध्या में एक नए विवाद का जन्म हो गया है कि असली पक्षकार कौन है ..? सभी का दावा है कि वही असली पक्षकार है और अगर उनसे बातचीत की जाती है तो अयोध्या के मंदिर -मस्जिद विवाद का हल निकल सकता है । इसी के साथ अयोध्या में एक खबर अचानक चर्चा में आई की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंदिर -मस्जिद के पक्षकारों को मिलने के लिए बुलाया है । इसमें जो दो नाम चर्चा में आये उसमे एक नाम धर्मदास का है तो दूसरा हाजी महबूब का । लिहाजा हमने सबसे पहले इसी खबर की पड़ताल की । सबसे पहले बात करते है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बुलाये जाने की खबर से अचानक चर्चा में आये बाबा धर्मदास की ।
लेकिन इसके पहले हम आपको यह बता दे की धर्मदास की भूमिका इस विवाद में आखिर है क्या । 22/23 दिसंबर 1949 – रात्रि में विवादित परिसर में मूर्ति प्रकट हुई । अयोध्या थाने के पुलिस सब इंस्पेक्टर रामदेव दूवे द्वारा रामजन्मभूमि मंदिर पर तैनात पुलिस कर्मी माता प्रसाद की सूचना पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई । इसमें महंत अभिराम दास रामसकल दास शिव दर्शन दास वन 50 ,60 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया ।जब सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड ने जब 18 दिसम्बर 1961 को अपना चौथा दावा सिविल जज फैज़ाबाद के यंहा दायर किया तो उसमे आरोपी बनाए गए अभिराम दास समेत 21 लोगो को प्रतिवादी बनाया था । अब धर्मदास कहते है उन्होंने मुख्यमंत्री योगी के पीए से मिलने का समय माँगा है । लेकिन अभी तक उनको समय नहीं मिला है । जब समय मिलेगा तो वह अपने साथ बाबरी मस्जिद के एक पक्षकार हाजी महबूब को भी मुख्यमंत्री से मिलने के लिए ले जाएंगे ।
राम मंदिर के पक्षकार धर्मदास कहते है योगी जी से मिलकर क्या करेंगे योगी जी कहे थे आप आइए हमारे यह स्वयं उन्होंने निमंत्रण दिया था वहीं पर गोरखपुर में । अभी उनके पी ए से बताएं बबलू से कि आप बताइए हम कब आए । कहे योगी जी को खबर दे दिए है या तो पक्का जान लीजिए योगी जी को जब मौका मिलेगा फुरसत मिलेगी बुलाएंगे । मौका भी तो चाहिए एक-दो घंटे के लिए। राम जन्मभूमि और अयोध्या के विषय में बात करेंगे। पक्षकार की सुरक्षा तो धर्मदास को तो सुरक्षा चाहिए नहीं, लेकिन मूल पक्षकार है हाजी महबूब उनकी सुरक्षा के बजाय विनय कटियार है और तमाम लोग हैं जिनकी सुरक्षा पर लाखों रुपए खर्च हो रहे हैं जो पक्ष कार है उनको तो अच्छी सुरक्षा देनी चाहिए दोनों मसले पर बात करेंगे । अब धर्मदास के साथ चर्चा में आये बाबरी मस्जिद के एक पक्षकार हाजी महबूब की भी सुन लीजिये । जनाब कहते है कि उनसे तो धर्मदास ने कहा था कि मुख्यमंत्री से मिलने के लिए । मैंने कहा कि जब हमको मुख्यमंत्री खुद बुलाएंगे तब मैं जाऊंगा नहीं तो मैं नहीं जाऊंगा ।
जब मैं जाऊंगा तो सुरक्षा का सवाल उठाऊंगा ऐसे हालात में जब मैं बाबरी मस्जिद केस का सबसे महत्वपूर्ण पक्षकार हूं तो मेरी सुरक्षा क्यों कम की गई मेरे ऊपर कभी भी खतरा हो सकता है । यानि मुख्यमंत्री द्वारा इन दोनों साहबान को मंदिर -मस्जिद समाधान के लिए बुलाने की बात ही सिरे से गलत है और असली खबर यह है । बाबरी मस्जिद के पक्षकार कहते है देखिए धर्मदास जी हमारे पास आए थे मुझसे उन्होंने बात भी की उन्होंने हमसे कहा CM के पास चलना है । CM के पास मैं ऐसे नहीं जाऊंगा । CM अगर खुद मुझे बुलाते हैं तो वह यूपी के मुख्यमंत्री हैं खुद बुलाएंगे तो जा सकते हैं । वहां क्या बात होती है यह मैं कैसे बताऊं जब तक मेरी उनसे बात नहीं होती क्या बताऊं ।सुरक्षा के लिए जब एक अकेला इंसान मैं हूं हाजी महबूब जिसके ऊपर चार बार अटैक हो चुका और जिस को सुरक्षा की जरूरत है उसको नहीं दी जा रही है और जिस को सुरक्षा की जरूरत नहीं है नृत्य गोपाल दास अयोध्या के जितने भी महंत हैं सबके पास सुरक्षा है और एक मुसलमान का सिपाही में हूं मेरे पास सुरक्षा नहीं है अगर मुझे कुछ होता है तो इसका जिम्मेदार गवर्नमेंट होगी ।
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